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क्रिस गेल ने कहा- फुटबॉल में ही नहीं, बल्कि क्रिकेट में भी नस्लभेद होता है,  मैं भी इसका शिकार हो चुका हूं

अमेरिका के मिनेपोलिस में अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद खिलाड़ी खुलकर नस्लभेद का विरोध जताया जा रहे हैं। वेस्टइंडीज के क्रिकेटर क्रिस गेल ने कहा कि फुटबॉल में ही नहीं, बल्कि क्रिकेट समेत सभी खेल में नस्लभेद होता है। वे भी इसका शिकार हुए हैं।

इससे पहले टेनिस स्टार कोको गॉफ और अमेरिका के पूर्व बास्केटबॉल खिलाड़ी माइकल जॉर्डन ने भी गुस्सा जताया था। वहीं, जर्मनी के फुटबॉल क्लब बोरुसिया डॉर्टमंड के 2 खिलाड़ी मैच में 'जस्टिस फॉर फ्लॉयड लिखी' टी-शर्ट पहनकर उतरे थे।

अश्वेत लोगों का जीवन मायने रखता है
गेल ने इंस्टाग्राम पर लिखा, ‘‘अश्वेत लोगों की जिंदगी भी दूसरों के जीवन की तरह कीमती है। अश्वेत लोग मायने रखते हैं। नस्लभेदी भाड़ में जाएं। मैंने पूरी दुनिया घूमी है। इस दौरान कई नस्लभेदी बातें सुनी हैं, क्योंकि मैं अश्वेत हूं। विश्वास मानिए, यह लिस्ट बढ़ती चली जाएगी।’’

यह समाज पहले से ज्यादा बंटा हुआ है
उन्होंने कहा, ‘‘नस्लभेद सिर्फ फुटबॉल में ही नहीं है, बल्कि क्रिकेट में भी है। यहां तक कि कई क्रिकेट टीमों के अंदर भी मुझे यह अहसास कराया गया कि मैं एक अश्वेत हूं।’’ वहीं, इंग्लैंड के फुटबॉलर मार्क्‍स रशफोर्ड और वहीं के क्लब मैनचेस्टर युनाइटेड ने भी फ्लॉयड की मौत के बाद कहा था कि यह समाज पहले से ज्यादा बंटा हुआ लगता है।



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वेस्टइंडीज के क्रिकेटर क्रिस गेल ने कहा- कई टी-20 लीग और टीमों के अंदर मुझे यह अहसास कराया गया कि मैं एक अश्वेत हूं। -फाइल फोटो
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